Wednesday 15 February 2017

ये क्या मज़ाक है| copied- blog: qasba:कस्बा


source: http://naisadak.org/ये-क्या-मज़ाक-है/

क्या इस स्तर पर मीडिया पार्टियों का पक्ष लेगा ? इस तरह के विज्ञापनों की सोच कहाँ से आती है? हद है। क्या विज्ञापन लिखने वाले की हिम्मत है कि वो भाजपा नेताओं के नाम से भी ऐसा लिखकर होर्डिंग लगा दे। शर्मनाक है ये विज्ञापन।मुझे लिंक पेस्ट करना नहीं आता है,आप नेशनल दस्तक की साइट पर जाकर इस ख़बर के बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं। कायदे से इस विज्ञापन के ख़िलाफ़ चुनाव आयोग में शिकायत करनी चाहिए।

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